1 सुबह उठते ही एक लीटर पानी पी लें ।
पानी बासी मुंह ही पीये बिना कूल्हा किये। सुबह की वह लार आपके पेट में जाकर पुरा पेट साफ कर देंगी। जिस व्यक्ति का सुबहसुबह पेट साफ हो गया उसके जीवन में कभी बीमारी नही आ सकती।
सुबह की लार औषधि का काम करती हैं। इसे आज के वैज्ञानिकों ने अपनी भाषा में पानी चिकित्सा वॉटर थेरेपी नाम दे दिया हैं।
● एक लीटर का मतलब दो लोटा। अगर इतना नही पी सकते तो शुरुआत में एक लोटा दो गिलास पानी पीने की आदत डालें।
● सुबह उठते ही अगर जोर से पेशाब आयी हुई हो तो पहले मूत्र त्याग ले। उसके बाद आराम से शांत चित्त के साथ नीचे बैठकर पीये।
● हर बार पानी पीने के साथ पानी को मुंह में हिलाये ताकी मुंह की लार थूक पूरा पेट में जा सके।
2 भोजन करने के डेढ़ घण्टे बाद पानी पीये।
खाना खाने के बाद हमारे पेट में जठराग्नि आग जलती है। वह आग उस भोजन को पचाती हैं। जब आप खाना खाते ही तुरंत बाद पानी पीते हो। तो वह आग बूझ जाती हैं और फिर वह भोजन पेट में सड़ता हैं। और फिर बहुत सारी बीमारिया होती हैं।
ध्यान देने योग्य बातें
● इस नियम को अपनी आदत और दिनचर्या का हिस्सा बनाने के लिए मैंने जो तरीका अपनाया आप भी वही करें वरना एक दिन में आप इस नियम का पालन नही कर पायेंगे। शुरुआत में 5 मिनट 10 मिनट से शुरू करें।
● दस दिन बाद भोजन करने के आधा घंटे बाद पीये और फिर धीरेधीरे एक घंटा से डेढ़ घंटे तक जाये।
● यह सबसे महत्वपूर्ण बात है जो मैंने अपने अनुभव से सीखी। भोजन करने के बाद एक बार एक दो गिलास पानी से अच्छे से कूल्हा अवश्य कर ले इससे आपको पानी पीने का मन नही करेगा।
● या फिर थोड़ा काला देशी गुड़ खा लीजिए जिससे सब्जी का तीखापन खत्म हो जाएगा। फलों का ज्यूस भी पी सकते हैं आयुर्वेद के अनुसार
3 हमेशा घूंटघूंट पानी पीये।
आप जो खड़े खड़े गटागट पानी पीते हो एक ही बार में पूरा लोटा पेट में खाली कर देते हो ये तरीका बिल्कुल सही नही हैं। घूंटघूंट पानी पीने से आपको कभी भी मोटापा नही आयेंगा। आप हमेशा स्लीम व फिट रहोंगे। सारे पशुपक्षी कौआचिड़िया कुत्ता कोई ओवरवेट नही हैं क्योंकी वो हमेशा पानी को चाटचाट कर थोड़ाथोड़ा पीते हैं। इनको यह ज्ञान प्रकृति माता से मिलता हैं।
ध्यान देने योग्य बातें
यह नियम आपको तीस से ज्यादा बीमारियों से बचायेगा। पूरे दिन में जितनी बार पानी पीयो। थोड़ाथोड़ा घूटघूट व मुंह में अच्छे से हिलाकर पीओ।
इस बात का ध्यान रखें जितनी बार पानी पीओ आपकी मुँह की लार शरीर के अंदर जानी चाहिए। यह लार थूक बहुत कीमती है इसमे 18 प्रकार के सूक्ष्म पोषक तत्व मौजूद हैं।
4 जीवन में कितनी भी जोर से प्यास क्यों न लगे ठंडा पानी कभी मत पीये।
फ्रीज का पानी कभी मत पीना। अगर आप पाँच दस साल लगातार ठंडा पानी पीते हो तो आपको लकवा पैरालिसिस दिल का दोरा हार्ट अटैक शत प्रतिशत आयेंगा।
इस नियम को विज्ञान की भाषा में समझाता हूं। हमारा शरीर हैं गर्म औऱ जब हम ठंडा पानी पीते हैं तो शरीर का सारा खून उस ठंडे पानी को गर्म करने में लग जाता हैं।
और इस तरह आप लगातार ठंडा पानी पीते जाओंगे तो एक दिन आपके किसी भी अंग में खून ब्लड की कमी हो जायेंगी और वो अंग आपका काम करना बंद कर देंगा। इसी को लकवा कहते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें
हाँ घर के मिट्टी के बर्तन मटके का ठंडा पानी पी सकते हो वह प्राकृतिक ठंडा जल हैं।
बाजार में मिलने वाली पानी की बोतलों का पानी भी नही पीये।
या फिर घर से मिट्टी की बोतल या स्टील की बोतल में पानी भरकर लेकर जाये खाली होने पर कही प्याऊ से भर ले।
आयुर्वेद के अनुसार खानपान
● भोजन हमेशा चबाचबा कर खाये। रोटी के एक ग्रास टुकड़े को मुँह में पूरा रस बनाये। इस नियम का पालन करने से बहुत सारे अद्भुत लाभ मिलेंगे।
● गाय का दूध अमृत है। हर दिन शाम को गाय का दूध पीये। गाय का मतलब मैं भारतीय देशी गाय गौमाता के दूध की बात कर रहा हूँ।
● प्यास व भूख को मत रोकिये।
● शाम को बिना तकिये सोने से हृदय और मस्तिष्क मजबूत होता हैं।
● रात्रि को बायी करवट सोने से दाया स्वंर चलता हैं जो भोजन पचाने में सहायक हैं।
● शक्कर और नमक का विकल्प सेंधा नमक और देशी शक्कर बुरा खांड व देशी कालाभूरा गुड
● मिट्टी के बर्तन में बनी कोई भी चीज खाने से कई प्रकार के रोग खत्म होते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी घर में उपयोग होने वाले सभी मिट्टी के बर्तन आपके गांवशहर के बाजारों में कुम्हारों के पास और ऑनलाइन उपलब्ध हैं। हमारे पूर्वज सभी मिट्टी के बर्तनहांडी में ही सबकुछ पकाकर खाते थे।
● भोजन करने से 40 मिनट पहले पानी पी सकते हो।
● भोजन करने से पहले बीच में व बाद में पीया पानी आरोग्य की दृष्टि से सही नही है। इस नियम का पालन करने से 50 से 100 बीमारियों से आप हमेशा के लिए बचे रहेंगे।
किन चीजों के साथ क्या नहीं खाना चाहिए
दूध के साथ दही नमक मूली मूली के पत्ते अन्य कच्चे सलाद सहिजन इमली खरबूजा बेलफल नारियल नींबू करौंदाजामुन अनार आँवला गुड़ तिलकुटउड़द सत्तू तेल तथा अन्य प्रकार के खट्टे फल या खटाई मछली आदि चीजें ना खाएं।
दही के साथ खीर दूध पनीर गर्म पदार्थ व गर्म भोजन खीरा खरबूजा आदि ना खाएं।
खीर के साथ कटहल खटाई दही नींबू आदि सत्तू शराब आदि ना खाएं।
शहद के साथ घी समान मात्रा में पुराना घी वर्षा का जल तेल वसा अंगूर कमल का बीज मूली ज्यादा गर्म जल गर्म दूध या अन्य गर्म पदार्थ शार्कर शर्करा से बना शरबत आदि चीजं ना खाएं। शहद को गर्म करके सेवन करना भी हानिकारक है।
ठंडे जल के साथ घी तेल गर्म दूध या गर्म पदार्थ तरबूज अमरूद खीरा ककड़ी मूंगफली चिलगोजा आदि चीजें ना खाएं।
गर्म जल या गर्म पेय के साथ शहद कुल्फी आइसक्रीम व अन्य शीतल पदार्थ का सेवन ना करें।
घी के साथ समान मात्रा में शहद ठंडे पानी का सेवन ना करें।
खरबूजा के साथ लहसुन दही दूध मूली के पत्ते पानी आदि का सेवन ना करें
तरबूज के साथ ठण्डा पानी पुदीना आदि विरुद्ध हैं।
चावल के साथ सिरका ना खाएं।
नमक अधिक मात्रा में अधिक समय तक खाना हानिकारक है।
उड़द की दाल के साथ मूली ना खाएं।
केला के साथ मट्ठा पीना हानिकारक है।
घी काँसे के बर्तन में दस दिन या अधिक समय तक रखा हुआ घी विषाक्त हो जाता है।
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