ग्रहों के वस्त्र, ग्रहों के रंगों के नाम
सूर्य का मोटा वस्त्र,चन्द्रमा का अभुक्त अर्थात बिल्कुल नया, मंगल का अग्नि दग्ध, बुध का भीगा हुआ, गुरू का मध्यम न बहुत नया न बहुत पुराना, शुक्र का मजबूत लम्बे समय तक चलने वाला, शनि का पुराना जीर्ण-शीर्ण वस्त्र होता है|
यदि शनि दुर्बल हो तो मनुष्य को मैले-कुचैले एंव पुराने वस्त्र पहनने को मिलते हैं|
ग्रहों के रस
सूर्य को कटु रस, चन्द्रमा का लवण रस,मंगल का तीखा चटपटा, बुध का मिश्रित, गुरू का मीठा, शुक्र का खट्टा व शनि का कसैला रस होता है|
व्यक्ति को कौन सा रस पसन्द होगा? इसका निर्णय प्रश्न लग्न या जन्म समय में लग्नेश, नवांशेश या बली ग्रह या द्वितीयेश आदि से रस का निर्णय करें| यदि बली बृहस्पति लग्न या द्वितीय में हो तो व्यक्ति को मीठा बहुत पसंद होगा| इसी प्रकार सब ग्रहों के विषय में समझना चाहिए|
ग्रहों की धातु
सूर्य की तांबा, चन्द्रमा की मणि, मंगल का सोना, बुध का मिश्रित धातु कांसा आदि, शुक्र का चांदी एंव शनि की धातु लोहा है|
गुरु यदि स्वराशि में हो तो उसकी धातु सोना मानी जाती है| बलवान सूर्य की धातु सोना व निर्बल की तांबा है,यह तारतम्य है| इन धातुओं को पहनने से ग्रह प्रसन्न होते हैं| शुभ ग्रह अधिक शुभ अशुभ ग्रह कम अशुभ होते हैं|
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