भ्राता बृजेश जी के अनुसार हिंदू धर्म मैं सहिष्णुता और उदारता non violence खून में है तभी तो पिछले सैकड़ों वर्षों से उनका खून बहाया जाता रहा है।
तभी तो हिन्दुओं का धर्मांतरण किया जाता रहा है। हिन्दू धर्म में उदारता और सहिष्णुता का कारण यह है कि इस धर्म में परहित को पुण्य माना गया है। न्याय और मानवता (इंसाफ और इंसानियत) को धर्म से भी ऊंचा माना गया है। न्याय और मानवता की रक्षा के लिए सबकुछ दांव पर लगा देने के लिए हिन्दुओं को प्रेरित किया जाता रहा है।
Sanatan Hindu Dharma
यही कारण है कि इस धर्म में प्राचीनकाल से ही कभी कट्टरता नहीं रही और इस उदारता, सह-अस्तित्व और सहिष्णुता की भावना के चलते ही हिन्दुओं ने कभी भी किसी दूसरे धर्म या देश पर किसी भी प्रकार का कोई आक्रमण नहीं किया। इसका परिणाम यह रहा कि आक्रांताओं ने समय-समय पर गुलाम बनाकर हिन्दुओं को धर्म, जाति और पंथों में बांट दिया, उनका कत्लेआम किया गया और उन्हें उनकी ही भूमि से बेदखल कर दिया गया।
क्योंकि हम केवल यही पढ़ कर बैठ गए (केवल पढ़ कर , समझ कर नही ) कि
सियाराम मय सब जग जानी।
या सब ब्रम्ह ही है।
हमारे ऋषियों ने भी ऐसे श्लोकों की रचना करी कि
सर्व मंगल मांगल्य..
या देवी सर्वभूतेषु सर्व मंगल......
सर्वे भवन्तु सुखिनः...
अब सब लोग इसी में घूम गए और लगे धर्म निरपेक्ष बनने...
सब इन मंत्रों से सीखा है तो क्या श्री राम से यह नही सीखा की अधर्मियों के नाश के लिए ही उन्हें अवतार लेना पड़ा? उन्होंने यह नही समझा क्या या नही जाना क्या कि
सीयराम मय सब जग जानी।
यह किसके लिए कहा है यह भी समझे, क्या एक ही गज से सबको नाप दोगे?
फिर माता दुर्गा को क्यो महिषासुर आदि का वध करना पड़ा या श्री राम को तड़का, सुबाहु आदि को मारना पड़ा? क्या श्री राम जी या कृष्ण जी को यह समझ नही थी? अपने साथ अपने भाई को भी लगा लिया। क्यो नही लक्ष्मण से कहा भाई तुम कमण्डल ले लो और एक कोने में बैठ कर सीयराम मय सब जग जानी, पढ़ो नही तो मुक्ति नही होगी, श्री कृष्ण जी के अर्जुन सबसे प्रिय थे और उन्होंने उसे ही विनास पर लगा दिया?? केवल कमंडल उठाने से दुनिया नही चलती? सृष्टि का विनाश हो जाएगा, सृष्टि के नियम, विकास रुक जाएंगे। अभी बड़े बड़े उदाहरण दिये जायेंगे की फलाने बाबा या ऋषि महात्मा सब देख रहे हैं वो सब करेंगे, क्या करेंगे यही नही अभी तक समझ पाए, अरे उन्होंने करके तो दिखा दिया कि ऐसे करना है, और आप कायरता का राग अलाप रहे हैं कि हमे तो केवल मोक्ष लेना है अरे कायरो को कभी मोक्ष नही मिलता ।
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