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Bharat Aur Armeniya Sambandh, india armenia azerbaijan, Is Armenia part of the Soviet Union? - भारत अर्मेनिया संबंध

 भारत अर्मेनिया संबंध, Bharat Aur Armeniya Sambandh, india armenia azerbaijan, Is Armenia part of the Soviet Union?


भारत ने 26 दिसंबर, 1991 को अर्मेनिया को मान्यता प्रदान की तथा मास्को में भारत के राजदूत को समवर्ती रूप में अर्मेनिया की भी जिम्मेदारी सौंपी गई। भारत और अर्मेनिया के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के लिए प्रोटोकाल पर हस्ताक्षर 31 अगस्त, 1992 को मास्को में हुआ। सितंबर, 1992 से कीव (यूक्रेन) स्थित भारत के राजदूत को अर्मेनिया का भी समवर्ती रूप में प्रभाग सौंपा गया। भारत ने 1 मार्च, 1999 को राजदूत के स्तर पर येरेवन में अपना रेजीडेंट मिशन खोला; पहले रेजीडेंट राजदूत (श्री बाल आनंद) ने अक्टूबर, 1999 में येरेवन में पदभार संभाला। अर्मेनिया, जिसने अप्रैल, 1994 में अपना मानद कांसुलर खोला था, राजदूत के स्तर पर अक्टूबर, 1999 में नई दिल्ली में अपना दूतावास स्थापित किया। जिसके बाद मई, 2000 में उनके पहले रेजीडेंट राजदूत (अर्मेन बैबोन) ने पदभार संभाला।

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historical background ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, bharat aur armeniya sambandh,


साहित्यिक साक्ष्य के अनुसार भारत के दो राजकुमारों द्वारा अर्मेनिया में भारतीय बस्तियां स्थापित की गई थी, जो अपने परिवारों एवं भारी संख्या में नौकर - चाकरों के साथ अर्मेनिया में 149 ईस्वी पूर्व में पहुंचे थे तथा अर्मेनिया के तत्कालीन शासन द्वारा टैरोन क्षेत्र (अब यह तुर्की में है) में उनको जमीन दी गई थी। ऐसा कहा जाता है कि थॉमस काना ईस्वी सन 780 में मालावार तट पर उतरने वाले अर्मेनिया के पहले नागरिक थे। मुगल सामाज्य के दौरान अर्मेनिया के कुछ व्यापारी आगरा आए थे। समाट अकबर, जिनके बारे में यह माना जाता है कि उनकी पत्नी मरियम जमानी बेगम अर्मेनिया की रहने वाली थी, अर्मेनिया के लोगों की वाणिज्यिक प्रतिभा एवं ईमानदारी की बहुत प्रशंसा किया करते थे, उन्हें अनेक विशेषाधिकार प्रदान किए और काफी धार्मिक आजादी दी और विभिन्न क्षमताओं में अपने सामाज्य में उनको सेवा करने का अवसर भी दिया। 

भारतीय शास्त्रीय गायक गौहर जान, जिन्हें 1902 में सबसे पहले ग्रामोफोन पर रिकार्ड किया, अर्मेनियाई मूल की थी। 1794 में मद्रास (चेन्नई) में प्रकाशित अर्मेनिया भाषा की पत्रिका 'अजदारार विश्व में कहीं भी पहली बार प्रकाशित होने वाली अर्मेनिया भाषा की पत्रिका थी। आज भारत में बचा-खुचा अर्मेनियाई समुदाय मुख्यत: कोलकाता में बसा हुआ है। 1707 में स्थापित, 1734 में जीर्णोद्धारित एवं मरम्मत किया गया नजरेथ का होली चर्च कोलकाता में सबसे बड़ा एवं सबसे पुराना अर्मेनियाई चर्च है। सोवियत काल के दौरान, राष्ट्रपति डा. एस राधाकृष्णन ने सितंबर, 1964 में तथा प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने जून, 1976 में अर्मेनियाई सोवियत समाजवादी गणराज्य का दौरा किया।


राजनीतिक आदान - प्रदान, Political exchange, bharat aur armeniya sambandh


अर्मेनिया की ओर से राष्ट्रपति के स्तर पर 1995 और 2003 में भारत की दो यात्राएं हुई हैं तथा विदेश मंत्री के स्तर पर 2000, 2006, और 2010 में भारत की यात्राएं हुई हैं। उप राष्ट्रपति तथा राज्य सभा के सभापति श्री भैरों सिंह शेखावत के नेतृत्व में एक संसदीय शिष्टमंडल ने अक्टूबर, 2005 में अर्मेनिया का दौरा किया। भारत और अर्मेनिया के बीच द्विपक्षीय वार्ता का आयोजन विदेश कार्यालय परामर्श (एफ ओ सी) तथा व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी, सांस्कृतिक एवं शिक्षा सहयोग पर अंतर सरकारी आयोग (आई जी सी), तथा समय - समय पर उच्च स्तरीय अंत:क्रियाओं के माध्यम से होती है। 25 सितंबर, 2013 को नई दिल्ली में छठवें आई जी सी एवं एफ ओ सी का आयोजन किया गया। 

एक सद्भावना भारतीय संसदीय शिष्टमंडल ने 29 अक्टूबर से 1 नवंबर, 2013 के दौरान अर्मेनिया का दौरा किया जिसमें 8 संसद सदस्य शामिल थे तथा इस शिष्टमंडल का नेतृत्व संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री पवन सिंह घटोवार ने किया। अर्मेनिया की राष्ट्रीय सभा के तत्कालीन स्पीकर श्री होविक अब्राहम्यान के नेतृत्व के एक 18 सदस्यीय शिष्टमंडल ने 4 से 8 दिसंबर, 2013 के दौरान भारत का दौरा किया तथा माननीय राष्ट्रपति जी से मुलाकात की, लोक सभा अध्यक्ष से मुलाकात की, विदेश मंत्री, प्रतिपक्ष की तत्कालीन नेता श्रीमती सुषमा स्वराज तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों से भी मुलाकात की। 2014 में यात्राएं मुंबई स्थित रहेजा कैंसर अस्पताल के दो भारतीय ओंकोलाजिस्ट ने मई, 2014 में येरेवन में एक वैज्ञानिक सेमिनार में भाग लिया। 

कैकस सामरिक कार्य संस्थान के उप निदेशक प्रो. सर्गेई मिनास्यान ने 19-20 नवंबर, 2014 को विदेश मंत्रालय में 'यूरोशिया को सहायता कार्यक्रम के तहत मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दक्षिण कैकस क्षेत्र पर पहले सम्मेलन में भाग लिया। एक दो सदस्यीय शिष्टमंडल ने 24 से 26 नवंबर, 2014 के दौरान दवाओं की भारतीय परंपरागत विधियों पर अब तक के पहले वैज्ञानिक सेमिनार में भाग लेने के लिए अर्मेनिया का दौरा किया। इस शिष्टमंडल में श्री आर एस सिन्हा, निदेशक, आयुष मंत्रालय तथा डा. एम एम पाढ़ी, उप निदेशक (तकनीकी), केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद शामिल थे। अर्मेनिया ने यूनेस्को, अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आई सी ए ओ) तथा यूएन लेखा परीक्षक बोर्ड, अंतर्राष्ट्रीय दूर संचार संघ परिषद में भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया।


नवीनतम आंतरिक घटना, Latest internal event, bharat aur armeniya sambandh.


राष्ट्रीय सभा के पूर्व स्पीकर श्री होविक अब्राहम्यान को राष्ट्रपति श्री सर्ज सर्गस्यान द्वारा 13 अप्रैल, 2014 को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। तदनुसार, इस देश के संविधान के तहत नए प्रधानमंत्री ने पूरे मंत्रिमंडल का नए सिरे से गठन किया है तथा पिछली सरकार के 10 मंत्रियों को अपने मंत्रिमंडल में रखा है और 9 नए चेहरों को शामिल किया है। सत्ताधारी रिपब्लिकन पार्टी (एच एस के) के श्री गैलुस्ट सहाकियान 29 अप्रैल, 2014 से राष्ट्रीय सभा के नए स्पीकर हैं। एक सदन वाली राष्ट्रीय सभा सर्वोच्च विधायी संस्था है जिसमें कुल 103 सदस्य हैं तथा पांच साल बाद इनका वर्तमान कार्यकाल मई, 2017 में समाप्त हो रहा है। राष्ट्रपति राष्ट्राध्यक्ष हैं तथा पांच साल की अवधि के लिए अर्मेनिया के नागरिकों द्वारा उनको चुना जाता है। वर्तमान राष्ट्रपति का कार्यकाल मई, 2018 में समाप्त हो रहा है।


द्विपक्षीय करार, Bilateral agreement,


अब तक अर्मेनिया के साथ 33 द्विपक्षीय करारों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। 17 प्रारूप करारों पर कार्य चल रहा है (जिनमें आयुष पर नवीनतम प्रारूप एम ओ यू शामिल है)। भूकप विज्ञान, आस्ट्रोफिजिक्स तथा आपदा प्रबंधन के क्षेत्रों में सहयोग के कार्यक्रम पर भी विचार चल रहा है।


संस्थानिक तंत्र  Institutional system,


भारत और अर्मेनिया के बीच द्विपक्षीय वार्ता का आयोजन विदेश कार्यालय परामर्श (एफ ओ सी) तथा व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी, सांस्कृतिक एवं शिक्षा सहयोग पर अंतर सरकारी आयोग (आई जी सी), तथा समय - समय पर उच्च स्तरीय अंत:क्रियाओं के माध्यम से होती है। 25-26 सितंबर, 2013 को नई दिल्ली में छठवें आई जी सी एवं सातवें एफ ओ सी का आयोजन किया गया। इस सत्र के दौरान, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी क्षेत्रों की समीक्षा की, क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की तथा वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय स्थिति पर अपने विचारों का आदान - प्रदान किया।


व्यापार एवं आर्थिक सहयोग Trade and economic cooperation, bharat aur armeniya sambandh,



अर्मेनिया के साथ द्विपक्षीय व्यापार एवं आर्थिक भागीदारी दोहन करने के लिए मौजूद क्षमता के बावजूद बढ़ नहीं रही है। भारत अर्मेनिया को फ्रोजन बोवाइन मीट का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है (भारत के निर्यात अर्थात 91.4 मिलियन अमरीकी डालर में इसका हिस्सा 90 प्रतिशत है)। अर्मेनिया की सांख्यिकीय सेवा की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध प्रारंभिक डाटा के अनुसार जनवरी से नवंबर, 2014 के दौरान  द्विपक्षीय व्यापार 31 मिलियन अमरीकी डालर के आसपास था। भारत द्वारा अर्मेनिया से आयात 0.2 मिलियन अमरीकी डालर था तथा भारत की ओर से अर्मेनिया को निर्यात 30.8 मिलियन अमरीकी डालर था जो पुन: भारत के पक्ष में है। भारत की ओर से अर्मेनिया को जिन वस्तुओं का निर्यात किया जाता है उनमें मुख्य रूप से बोवाइन मीट, कृषि उत्पाद, विद्युत उपकरण, कट एवं पालिस्ड डायमंड, आप्टिकल इक्विपमेंट, प्लास्टिक, भेषज पदार्थ, कास्मेटिक, गारमेंट तथा अन्य रासायनिक माल एवं कार शामिल हैं, 

जबकि अर्मेनिया की ओर से जिन वस्तुओं का निर्यात किया जाता है उनमें मुख्य रूप से अलौह धातुएं एवं कच्चा रबर शामिल है। एक भारतीय ग्रुप - कल्पतरू पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड, गांधीनगर, गुजरात को अर्मेनिया में हाई वोल्टेज के ट्रांसमिशन टावर की डिजाइन, आपूर्ति एवं संस्थापन के लिए नवंबर, 2012 में तकरीबन 22 मिलियन अमरीकी डालर मूल्य की एक परियोजना प्राप्त हुई है जो विश्व बैंक की सहायता से वित्त पोषित है। इस परियोजना को तीन साल के अंदर पूरा करना है।

भारत की विभिन्न साफ्टवेयर कंपनियों से एक 11 सदस्यीय आई सी टी शिष्टमंडल ने 11 से 14 दिसंबर, 2013 के दौरान येरेवन का दौरा किया। इस दौरे का आयोजन इलेक्ट्रानिक और कंप्यूटर साफ्टवेयर निर्यात संवर्धन परिषद (ई एस सी) द्वारा किया गया था। शिष्टमंडल ने अर्मेनिया की आईटी कंपनियों के साथ व्यवसाय दर व्यवसाय चर्चा की तथा एक एम ओ यू पर हस्ताक्षर किया गया। इस क्षेत्र में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए 24 भारतीय फार्मा कंपनियों से एक फार्मा शिष्टमंडल ने 2 से 5 फरवरी, 2014 के दौरान अर्मेनिया का दौरा किया। व्यवसाय दर व्यवसाय बैठक, व्यक्तिगत बैठक तथा फार्मास्यूटिकल प्लांट एवं लैबोरेटरी के दौरे का आयोजन किया गया।

21 मई, 2014 को मुंबई में आई पी एच ई एक्स 2014 में अर्मेनिया की 14 कंपनियों ने भाग लिया। भारतीय फार्मास्यूटिकल कंपनी फार्मेक्सिल ने इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित प्रतिनिधियों की हवाई यात्रा एवं स्थानीय अतिथि सत्कार का खर्च उठाया। एएनएम कारपोरेशन नामक एक भारतीय प्रदर्शनी कंपनी ने 21-22 सितंबर, 2014 को येरेवन में दो दिवसीय प्रदर्शनी सह-बिक्री मेला "कंट्रीज अंडर वन रूफ' में भाग लिया। 6 अक्टूबर, 2014 में येरेवन में भारतीय दूतावास द्वारा मेक इन इंडिया' शो का आयोजन किया गया। एक्सपी प्रभाग द्वारा प्रदान की गई अर्मेनियाई भाषा में उप शीर्षक के साथ एक वीडियो फिल्म दिखाई गई। राजदूत द्वारा नई सरकार के 100 दिन तथा विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए इसकी नई पहलों पर एक प्रस्तुति दी गई। इस कार्यक्रम में विदेश उप मंत्री, आर्थिक एवं कृषि मंत्री तथा अर्मेनिया में अन्य उच्च स्तरीय गणमान्य व्यक्तियों एवं कारोबारियों ने भाग लिया।


परियोजना राहत सहायता Project relief assistance,


भारत ने 1988 में भूकंप राहत के लिए नकद रूप में 2.2 मिलियन अमरीकी डालर तथा 1.1 मिलियन अमरीकी डालर की राशि दान में दी; 2000 में अकाल के बाद 750 मीट्रिक टन गेहूँ तथा 250 मीट्रिक टन चावल उपहार में दिया; 5 मिलियन अमरीकी डालर मूल्य के 300 भारतीय ट्रैक्टरों को 2006 में उपहार में दिया; येरेवन में 1.67 मिलियन अमरीकी डालर मूल्य के परम सुपर कंप्यूटर से सुसज्जित एक आईटी उत्कृष्टता केंद्र को स्थापित किया; लोरी क्षेत्र में जीर्ण-शीर्ण स्कूल के उद्धार के लिए 2,15,000 अमरीकी डालर की सहायता प्रदान की; 201-12 में तावुश क्षेत्र के 73 स्कूलों को 0.5 मिलियन अमरीकी डालर मूल्य के कंप्यूटर लैब प्रदान किए। इस परियोजना से इस क्षेत्र के 14,000 से अधिक छात्रों तथा 500 शिक्षकों को लाभ प्राप्त हो रहा है। जून, 2014 में कार्यान्वयन के लिए भारत के राजदूत एवं अर्मेनिया के उप स्वास्थ्य मंत्री द्वारा टेलीमेडिसीन परियोजना के लिए एक एम ओ यू पर हस्ताक्षर किया गया है। 

इस एम ओ यू के अनुसार, भारत सरकार अर्मेनिया को 5,30,000 अमरीकी डालर मूल्य के आधुनिक टेलीमेडिसीन उपकरण उपलब्ध कराएगी। वयाट डिजोर क्षेत्र के 50 स्कूलों में कंप्यूटर लैब के लिए एक अन्य एम ओ यू पर शीघ्र ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। इंडिया थीम पार्क नाम एक और परियोजना विचाराधीन है। अर्मेनिया में आई टी ई सी कार्यक्रम कार्यान्वित किया जा रहा है। सांस्कृतिक सहयोग भी अच्छी तरह आगे बढ़ रहा है। 29 अगस्त, 2014 को अर्मेनिया के प्रधानमंत्री महामहिम श्री होविक अब्राहम्यन की उपस्थिति में भारत के राजदूत श्री सुरेश बाबू और आल अर्मेनिया फाउंडेशन (एच ए ए एफ) के कार्यपालक निदेशक द्वारा वयोट डिजोर क्षेत्र में 50 स्कूलों में कंप्यूटर लैब स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।

बायोट डिजोर क्षेत्र के 50 स्कूलों के कंप्यूटरीकरण तथा टेलीमेडिसीन पर अर्मेनिया के साथ हस्ताक्षरित दो एम ओ यू के अनुवर्तन के रूप में सी-डैक की एक तीन सदस्यीय टीम ने 7 से 12 सितंबर, 2014 के दौरान अर्मेनिया का दौरा किया। अर्मेनिया के हितधारकों तथा अपने अर्मेनियाई समन्वकों (ई के ई एन जी एवं एच ए ए एफ) के साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया तथा इन दो परियोजनाओं के लिए साइट का निरीक्षण किया।

सांस्कृतिक सहयोग Cultural support,


भारतीय दूतावास द्वारा 26 जनवरी, 2014 को भारत का 65वां गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित किया गया तथा स्वागत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर पर अर्मेनिया की राष्ट्रीय सभा के स्पीकर श्री होविट अब्राहम्यन मौजूद थे। अर्मेनिया के राष्ट्रीय पुस्तकालय के निदेशक श्री तिगरान जर्गरयान ने 7 से 12 अप्रैल, 2014 के दौरान आयोजित एंटिक बुक एक्जिबिशन में भाग लेने के लिए कोलकाता का दौरा किया। अर्मेनिया के राष्ट्रीय पुस्तकालय से 10 प्राचीन पुस्तकों को इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया। 

12 अप्रैल, 2014 को अर्मेनिया के विदेश मंत्री की पत्नी श्रीमती नताली नलबांडयान की अध्यक्षता में येरेवन में अंतर्राष्ट्रीय राजनयिक महिला संघ द्वारा एवं चैरिटी बाजार का आयोजन किया गया। भारत आधारित अधिकारियों की पत्रियों ने बाजार में भाग लिया। तथा लगभग 1000 मिलियन अमरीकी डालर की राशि जुटाई गई तथा येरेवन में दो किंडेरगार्टेन के जीर्णोद्धार के लिए आयोजकों को यह राशि सौंपी गई।

30 मई, 2014 को येरेवन राज्य भाषायी विश्वविद्यालय (वाई एस एल यू) में विश्व हिंदी दिवस - 2014' मनाया गया। विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया तथा पुरस्कारों का वितरण किया गया। उद्घाटन टिप्पणी राजदूत सुरेश बाबू तथा वाई एस एल यू की रेक्टर सुश्री गयानी गैस्परयान द्वारा की गई।

भारतीय दूतावास Embassy of India ने 15 अगस्त, 2014 को चांसरी में भारत के 68वें स्वतंत्रता दिवस का आयोजन किया। इस समारोह में स्थानीय भारतीय समुदाय के लगभग 70 सदस्यों तथा अर्मेनिया के कुछ भारतीय समर्थकों ने भाग लिया।  किया गया जिसमें बालीवुड की फिल्मों को दिखाया गया। इस कार्यक्रम में येरेवन में भारतीय फिल्म के प्रशंसकों की मिली-जुली भागीदारी देखने को मिली। 24 सितंबर, 2014 को येरेवन में पर्यटन मंत्रालय के फ्रैंकफोर्ट क्षेत्रीय कार्यलय के साथ मिलकर भारतीय दूतावास द्वारा अतुल्य भारत पर पहला भारतीय पर्यटन सेमिनार आयोजित किया गया। 

उप विदेश मंत्री श्री सर्गेई मनसारिएन तथा उप वित्त मंत्री श्री सर्गेई अवेटिस्यान ने कार्यक्रम को संबोधित किया। सेमिनार में अर्मेनिया के कुल 60 टूर आपरेटरों ने भाग लिया। अतुल्य भारत तथा भारत सरकार की वीजा नीति पर पावर प्वाइंट प्रस्तुति दी गई। पंडित सुगातो भाधुरी के नेतृत्व में एक दो सदस्यीय भारतीय शास्त्रीय (मंडोलिन) संगीतज्ञों ने 8 अक्टूबर, 2014 को येरेवन 'सिल्क रोड अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव में भाग लिया। उन्होंने भारत अर्मेनिया मैत्री एन जी ओ द्वारा आयोजित तथा भारतीय दूतावास द्वारा समर्थित एक सोलो कंसर्ट में भी भाग लिया जो 9 अक्टूबर, 2014 को एक स्थानीय थिएटर में आयोजित किया गया था।

अर्मेनिया में भारतीय गणतंत्र दिवस की 65वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय दूतावास द्वारा अर्मेनिया के विज्ञान एवं शिक्षा मंत्रालय तथा टीयूएमओ प्रौद्योगिकी केंद्र के सहयोग से दिसंबर, 2014 में 12 से 14 और 15 से 17 आयु वर्ग के दो समूहों में एक अखिल अर्मेनिया निबंध एवं चित्रकारी प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें अर्मेनिया के 1000 से अधिक छोटे स्कूली बच्चों ने भाग लिया। जूरी द्वारा कुल 12 विजेताओं का चयन किया गया तथा भारत के पर्यटन मंत्रालय के खर्च पर प्रथम पुरस्कार विजेता एक सप्ताह के लिए भारत के दौरे पर आएंगे।


आई टी ई सी ITEC


आवंटित किए गए 20 स्लाटों में से अब तक 11 का उपयोग कर लिया गया है। 15 जनवरी, 2015 को अर्मेनिया में आई टी ई सी दिवस मनाया गया जिसमें आई टी ई सी के 25 पुराने विद्यार्थियों ने भाग लिया तथा एक - दूसरे के साथ अपने अनुभवों को साझा किया।


भारतीय समुदाय Indian community, indian population in azerbaijan


अर्मेनिया में भारतीय समुदाय के तहत ज्यादातर 700 से अधिक छात्र हैं जो येरेवन राज्य चिकित्सा विश्वविद्यालय में चिकित्सा पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर रहे हैं। अन्यथा भारतीय समुदाय की संख्या नगण्य है जिसमें एक दर्जन भारतीय पी आई ओ पेशेवर । परिवार शामिल हैं जो बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए काम कर रहे हैं। हाल ही में, परियोजना को पूरा करने के लिए कल्पतरू पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड से लगभग 30 मजदूर जुड़े हैं।

Sanat Kumar Katha Bhaag 1

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